Saturday 13 October 2012

prathrana

હે સૃષ્ટી ના રચઈતા ,હે સૃષ્ટી ના તારણ હાર
મારી પ્રાર્થના નો તું           કરલે હવે સ્વીકાર
હે પ્રલય ના પ્રણેતા ,       તારું રૂપ છે વિશાળ
બીજ માં રહી ને તું ,          રચેછે નવો સંસાર
હે દેહ માં વસનારા         ,હર જીવનો આધાર
મુજ શરીર માં છે તું ,  અનંત છે તારો આકાર  

Tuesday 9 October 2012

politics

मकड़ी फसी खुद मकड़ी की जाल में  ,कानून मंत्री फसा कानून की जालमे ,
किया जालसाज़ी का कारनामा ,लिखदिया खुद अपने नामपर हुकम्नामा
सेवा के नामपर छीना विकलांगो का अंग ,आजतक ने किया उसका रंग बेरंग
सपथ दी कुरबानिकी भारतमाता को ,पर कुरबान होनेचला सोनियामाता को 

Monday 8 October 2012

 मे रे  दिलकि गहराईओं  को  छु  कर चले गए ,वादा कियाथा मिलनेका मुस्कुराकर  चलेगये ,                 
तम्मना थी एकबार गले मिलकर ही जायेंगे गले मिलना तो दुर नज़रे मिलाकारभी नगये ,
बातोसेही पेट भरना थातो आहोश में क्यूं लेते हो ,दिल मेही रहकर दिल जलाने की बात करतेहो 
जलना जलाना ,तड़पना तडपाना  ये आपका पुराना खेल है ,मै तो बस इतना जानू तेरा मेरा सदियों पुराना मेल है 

Thursday 4 October 2012

Chaitra Navratri 2013 (Varanasi)