Tuesday 1 July 2014

धार्य ते इती धर्म

जीसने सत्य के मर्म को धारण कीया है वह धर्म है ।   जो कीसी आदर्श पर नहीं टीक पाते वह हर आकर्षण पर गीरते है । केवल धर्म ही है जो हमें धारण करता है और सत्य के मार्ग पर टीकाता है ।

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